पति की लंबी आयु के लिए अर्धांगिनी ने रखा वट सावित्री व्रत
जुन्नारदेव, (दुर्गेश डेहरिया)। कहा जाता है कि पति पत्नी का साथ सात जन्मों का होता है और पत्नी अपने पति के प्राणों के रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए आतुर रहती है प्राचीन मान्यताओं के अनुसार सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राणों का वर एवम दीर्घायु मांगी थी तथा यमराज को विवश होकर सत्यवान को जीवित करना पड़ा था तब से महिलाए अपनी पति के प्राणों की रक्षा एवम दीर्घायु की कामना के लिए ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को यह व्रत करती है।
नगर की महिलाओं ने भी इस व्रत को रखकर जगह जगह पूजन अर्चन कर अपनी पति की दीर्घायु की कामना की नगर के वार्ड नंबर 11 में पूजन स्थल के समीप लगा गंदगी का अंबार और कटिले तार की फैंसिंग लगी होने के कारण महिलाओं को पूजन अर्चन में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वटवृक्ष के समीप साफ सफाई नहीं किए जाने से गंदगी पसरी पड़ी है।