राज्य स्तरीय प्रशिक्षण नेतृत्व शिविर में सहभागिता कर लौटने पर मनीषा डेहरिया व चंदा डेहरिया का स्वागत कर किया गया सम्मान
छिंदवाड़ा। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण नेतृत्व शिविर से वापस लौटने पर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और राजमाता सिंधिया शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय छिंदवाड़ा की रासेयो स्वयंसेविका मनीषा डेहरिया और चंद्रा डेहरिया का महाविद्यालय परिसर में प्राचार्य डॉ.कामना वर्मा और एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो.पूनम उसरेठे व रिंकी भावरकर द्वारा भव्य स्वागत कर सम्मानित किया गया । इन छात्राओं द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ.आशोक मराठे और डॉ.गौतम देवांशु एवं जिला दल प्रभारी डॉ.जगमोहन सिहं पूषाम व डॉ.रश्मि नागवंशी के साथ 7 से 13 मार्च तक शिविर में सहभागिता दी गई। शिविर प्रशिक्षक श्री राहुल सिंह परिहार एवं राज्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ.आरके विजय के संरक्षण में सभी ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ.कामना वर्मा ने कहा कि हमारी दोनों बेटियों ने मध्यप्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना के राज्य स्तरीय प्रशिक्षण नेतृत्व शिविर में सहभागिता देकर हमारे महाविद्यालय का नाम पूरे मध्यप्रेदश में गौरवान्वित किया है। शिविर का अनुभव साझा करते हुए रासेयो स्वयंसेविका मनीषा डेहरिया ने कहा कि यह शिविर मेरे लिए नायब पलो में से एक है जिसमें पूरे मध्यप्रदेश के 7 विश्वविद्यालयों और पूरे 52 जिलों के रासेयो स्वयंसेवक आये थे जिन्होनें अपने जिले की संस्कृति को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से दर्शाया। मै कभी इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर जैसे बड़े शहर एवं पूरे मध्यप्रदेश को कभी नहीं घूम पायी थी, लेकिन शिविर के माध्यम से पूरे 52 जिलों की संस्कृति को देखकर लगा कि मैंने मध्यप्रदेश का मिनी दर्शन कर लिया है।
कार्यक्रम में रासेयो स्वयंसेविका चंदा डेहरिया अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि शिविर में अनुशासन, समय का प्रबंधन और आपसी भाईचारा का संदेश देखने को मिला। बौध्दिक सत्र में प्रतिदिन महान वक्ताओं का आगमन होता था। शिविर में शिवपुरी जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, विश्वद्यिालयों के कुलपति, कुल सचिव, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश जैसे महानुभावों के विचारों को सुनने का अवसर मुझे मिला । साथ ही माउंट एवरेस्ट में चढ़ऩे वाली सुश्री मेघा परमार के विचारों से भी अवगत हुये। युवा संसद में पूरे भारत में प्रथम स्थान पर आने वाली सुश्री रागेश्वरी अंजना के विचारों से अवगत कराया गया। एनएसएस शिविर ने मुझे अपने आप से मिलवाया है। शिविर के प्रतिदिन मेरे लिए नायब पल थे।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ.वर्मा, वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ.मीना जैन, डॉ.विवेक बिंद्रा, मुकेश कौशल, स्पोर्ट्स ऑफिसर डॉ. अजय ठाकुर, हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो.सीताराम शर्मा, डॉ.विजय कलमधार, प्रो.शोभाराम जाम्होरे, ढालसिंह गौतम, ऑफिस स्टाफ के प्रमोद झाड़े, मनोहर ठाकरे व डी.आर.डोंगरे एवं रासेयो की स्वयंसेविकाओं के साथ ही महाविद्यालय परिवार ने हर्ष व्यक्त करते हुए मनीषा डेहरिया और चंदा डेहरिया को बधाई देते हुये उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं ।