युवा रचनाकार गौतम केशरी ने लिखा पुस्तक “दर्पण” एक सच
साहित्य। फारबिसगंज प्रखंड परवाहा के ग्रामीण युवा साहित्यकार गौतम केशरी ने सबसे कम उम्र में अपने प्रखंड में पुस्तक लिखने का रिकॉर्ड बनाया है। ग्रामीण क्षेत्र में रहकर महज 20 साल की उम्र में पुस्तक लिखना उनकी प्रतिभा कौशल को दर्शाता है।
गौतम लगातार साहित्य सेवा में जुड़े हुए है लोग साहित्य को नजरअंदाज करते है उनका मानना होता है साहित्य सिर्फ विचार एवं धारणाएं है परंतु गौतम ने पुस्तक लिखकर सबको चोंका दिया है। रचनाकार का कहना है, साहित्य परिवर्तनशील है जो समाज के निर्माण एवं योगदान में सहायक होता है। इससे पहले भी लेखक ने बहुत सारी रचनाएँ की है, जो सन्देशवाहक थी। बतौर लेखक “दर्पण” एक सच गौतम केशरी की पहली पुस्तक है,जो समाज की दृष्टि पर लिखा गया है; पुस्तक सभी पाठक को समर्पित है
लेखक का जन्म अररिया जिला के फारबिसगंज प्रखंड परवाहा के ग्रामीण इलाके में हुआ है। इनके पिता का नाम शम्भू केशरी है जो मध्यम व्यापारी है एवं माता का नाम नूतन देवी जो कुशल ग्रहणी है इनकी शरुआती शिक्षा गाँव से पूरी हुई वर्तमान में स्नातक पुर्णिया कॉलेज पुर्णिया से कर रहे है। “दर्पण” एक सच अपनी मातृभाषा हिंदी में लिखी गई है, पुस्तक में कविता, कहानी, दोहा का संग्रह है जो विशेषनीय है।