“मुख्यमंत्री जन कल्याण पर्व” पर विशेष : एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 6.25 लाख पौधों का रोपण कर प्रदेश में बैतूल जिला तीसरे स्थान पर
बैतूल। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में विकास कार्यों को गति मिली है। प्रदेश में पिछले एक वर्ष में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हुए है। केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न महत्वावकांक्षी योजनाओं से बैतूल जिले में हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। मनरेगा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत एक वर्ष में 166 अमृत सरोवर का निर्माण किया गया।
मनरेगा के अंतर्गत जिले में 50 परियोजनाओं के कार्यों में 788 हेक्टेयर में 1070. 35 लाख की राशि से 4 लाख 92 हजार 500 बांस के पौधों का रोपण किया गया। इसके अलावा 14 गौशालाओं का निर्माण किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक लगभग 21 लाख मानव दिवस रजत हो चुके है। इन श्रमिकों के नियोजन के लिए 11 हजार 978 कार्य प्रगतिरत है। इन कार्यों में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कार्य तथा सामुदायिक कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जा रहे हैं।
विभाग द्वारा किये गए उल्लेखनीय कार्य
एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत जिले में 6.25 लाख पौधारोपण कर बैतूल जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर है एवं पौधारोपण की प्रथम फोटो अपलोड व द्वितीय फोटो अपलोड में भी प्रदेश द्वितीय स्थान पर रहा है। इसके अलावा जिले में सामुदायिक पोषण वाटिका (सीएनजी) कुल 18 कार्य स्वीकृत किये गये है, जिनमें से 14 कार्य प्रारंभ किये जा चुके है, जिसमे लगभग 14 हजार पौधों का रोपण किया गया है।
विभाग का विजन
महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम का मूल उद्देश्य ग्रामीण इलाकों के ऐसे प्रत्येक परिवार को एक वित्त वर्ष के दौरान कम से कम 100 दिन का गारंटी शुदा रोजगार उपलब्ध कराना है, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने को तैयार हैं ताकि ग्रामीण भारत में रोजगार सुरक्षा की स्थिति को और बेहतर बनाया जा सके। रोजगार गारंटी की यह व्यवस्था कई अन्य उद्देश्यों की भी पूर्ति करती है।
इस रोजगार गारंटी से उत्पादक सम्पदाओं का निर्माण करने, पर्यावरण की रक्षा करने, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण, गांवों से शहरों की ओर होने वाले पलायन पर अंकुश लगाने और सामाजिक समानता सुनिश्चित करने में सहायता। अधिनियम के द्वारा मजदूरी रोजगार कार्यक्रमों की हमारी पूर्व योजनाओं के दृष्टिकोण एवं रणनीति, दोनों में ही उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है।
मजदूरी रोजगार कार्यक्रम के रूप में एनआरईजीए का यह भी प्रयास है कि इससे ग्राम स्तर पर कुओं, टैंकों, तालाबों, सड़कों इत्यादि जैसी उत्पादनशील परिसंपत्तियों का सृजन हो। इससे हमारे प्राकृतिक संसाधन आधार को पुनः सृजित किया जा सकेगा जिससे हमारी कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था सुदृढ हो सकेगी।